
महादेव बेटिंग ऐप केस: ED का बड़ा एक्शन, देशभर में छापेमारी, अरबों की संपत्ति की फ्रीज
Mahadev Online Satta App Case: प्रवर्तन निदेशालय (ED) की रायपुर जोनल टीम ने 16 अप्रैल 2025 को ‘महादेव ऑनलाइन बुक सट्टा ऐप ‘ मामले में दिल्ली, मुंबई, इंदौर, अहमदाबाद, चंडीगढ़, चेन्नई और ओडिशा के संबलपुर में बड़े स्तर पर सर्च ऑपरेशन चलाया. इस दौरान 3.29 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए, जबकि 573 करोड़ से अधिक की संपत्ति फ्रीज की गई. जिसमें सिक्योरिटीज, बॉन्ड्स और डिमैट खाते शामिल हैं.
ED की जांच में पता चला है कि ‘महादेव ऑनलाइन बुक ऐप ‘ एक संगठित सट्टेबाजी सिंडिकेट है, जो अवैध वेबसाइट्स के जरिए यूजर्स को जोड़ने, नए ID बनाने और ऑनलाइन सट्टेबाजी की सुविधा देता है. इससे होने वाली‘अपराध की कमाई’ (Proceeds of Crime) को बेनामी बैंक खातों के जरिए छुपाया गया और घुमाया गया.
अवैध कमाई को विदेशी निवेश में बदलने की कोशिश
जांच में यह भी सामने आया कि इस कमाई का हिस्सा विदेश भेजा गया और भारत में शेयर बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FPIs) के नाम पर निवेश किया गया. ये FPI मुख्यतः मॉरीशस और दुबई जैसे टैक्स हेवन देशों में स्थित थे. इन निवेशों का इस्तेमाल SME सेक्टर की कुछ कंपनियों के शेयर प्राइस को आर्टिफिशियली बढ़ाने के लिए किया गया, जिससे आम निवेशकों को भारी नुकसान हुआ. ED ने इन संदेहास्पद निवेशों की पहचान कर उन्हें फ्रीज कर दिया है.
लिस्टेड कंपनियों के प्रमोटर्स भी जांच के घेरे में
कुछ लिस्टेड कंपनियों के प्रमोटर्स पर भी आरोप हैं कि उन्होंने सट्टेबाजी से जुड़े लोगों के साथ मिलकर “tainted money” का इस्तेमाल किया. यह पैसा कंपनी के वैल्यूएशन को आर्टिफिशियली रूप से बढ़ाने के लिए preferential shares, प्रमोटर्स शेयर सेल और share warrants के ज़रिए प्रयोग किया गया. इसके अलावा इन कंपनियों को layering के जरिए निवेश घुमाने के लिए भी इस्तेमाल किया गया.
अब तक की कार्रवाई:
ED ने इस केस में 170 से अधिक लोकेशंस पर सर्च की है. कुल 3002.47 करोड़ की संपत्ति अटैच, सीज या फ्रीज की जा चुकी है. 13 गिरफ्तारियां की गई हैं और 74 कंपनियों या संस्थानों को आरोपी बनाया गया है. अब तक इस मामले में 5 चार्जशीट्स दाखिल की जा चुकी हैं.जांच अभी भी जारी है और सूत्रों के मुताबिक, आने वाले दिनों में इस स्कैम से जुड़े और बड़े खुलासे हो सकते हैं.
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