
Jammu Kashmir Terror Attack: पहलगाम नरसंहार के बाद कश्मीर घाटी की सुरक्षा समीक्षा के लिए शुक्रवार (24 अप्रैल, 2025) को थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी श्रीनगर के दौरे पर जा रहे हैं. इस दौरान सेना की उत्तरी कमान के कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार भी मौजूद रहेंगे.
जनरल द्विवेदी, श्रीनगर स्थित बादामी बाग कैंट में सेना की 15वीं (चिनार) कोर के कमांडर और दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों से पहलगाम हमले के बाद उपजे हालात पर चर्चा करेंगे. इस दौरान चिनार कोर के अधिकारी सेनाध्यक्ष को पहलगाम हमले में शामिल आतंकियों की धर-पकड़ करने के लिए किए जा रहे प्रयासों और ऑपरेशन की जानकारी देंगे. साथ ही सेना प्रमुख इस बात पर भी चर्चा करेंगे कि पहलगाम के टूरिस्ट स्पॉट पर इतना बड़ा हमला कैसे हो गया.
जांच एजेंसियों ने तीन आतंकियों के स्केच जारी किए
शुरुआती जांच में साफ हो गया है कि पहलगाम हमले में स्थानीय आतंकियों के साथ ही पाकिस्तान से आए आतंकवादी भी शामिल थे. प्रत्यक्षदर्शियों से मिली जानकारी के आधार पर जांच एजेंसियों ने तीन आतंकियों के स्केच जारी किए हैं. ये स्केच, हाल ही में पाकिस्तान से घुसपैठ कर कश्मीर घाटी में घुसे आतंकियों से मेल खाते हैं. इन आतंकियों की तस्वीर कुछ दिनों पहले एक आतंकी की मुठभेड़ के बाद हाथ लगी थी.
इस तस्वीर में चार आतंकी दिखाई पड़ रहे हैं. इनमें जिन तीन आतंकियों पर शक की सुई घूम रही हैं, उसमें आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबू तलहा शामिल हैं. माना जा रहा है कि अबू तलहा, पाकिस्तान का है और लश्कर ए तैयबा का कमांडर है. लश्कर में अबू तलहा एक रैंक होती हैं, जो मिड-लेवल के आतंकियों को दी जाती है (टॉप कमांडर को अबू मूसा के नाम से जाना जाता है).
टीआरएफ टारगेट किलिंग के लिए कुख्यात है
हमले के तुरंत बाद लश्कर के छद्म संगठन टीआरएफ ने जिम्मेदारी ली थी. द रेजिस्टेंस फोर्स (टीआरएफ) का नाम हाल के सालों में कश्मीर घाटी में सामने आया था. पाकिस्तान में लश्कर पर दबाव पड़ने के बाद इस ग्रुप को खड़ा किया गया था. टारगेट किलिंग के लिए टीआरएफ को कुख्यात माना जाता है.
खुफिया एजेंसियां हालांकि, इस बात को बखूबी जानती हैं कि इस हमले की साजिश फरवरी के महीने में पाकिस्तान के गैर-कानूनी कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के रावलकोट में रची गई थी. 5 फरवरी को पाकिस्तान से ऑपरेट होने वाले आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद ने कश्मीर सॉलिडैरिटी डे मनाया था.
जैश ए मोहम्मद के हेडक्वार्टर में हमास कमांडरों का स्वागत
इस जलसे में और लश्कर ने हमास की पॉलिटिकल विंग के नेताओं को आमंत्रित किया था. ऐसे में कश्मीर सॉलिडैरिटी डे के साथ ही आतंकी संगठनों ने अल-अक्सा फ्लड के तौर भी मनाया गया था. हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर किए आतंकी हमले को अल-अक्सा फ्लड ऑपरेशन का नाम दिया था. रावलकोट के जलसे में पीओके के झंडे के साथ ही हमास के झंडे भी लहराए गए थे. हमास की तर्ज पर ही लश्कर और जैश ने बाइक और घोड़ों पर एक बड़ी रैली रावलकोट शहर में निकाली थी, क्योंकि पिछले एक-डेढ़ साल से रावलकोट में भारत के समर्थन में प्रदर्शन हो रहे थे. भारत का तिरंगा तक लहराया गया था.
हमास कनेक्शन को बल इसलिए भी मिलता है क्योंकि पिछले हफ्ते भी जैश ए मोहम्मद के बहावलपुर स्थित हेडक्वार्टर में हमास के कमांडरों का स्वागत किया गया था. इस दौरान हमास के कमांडरों की लिमोजिन को घोड़ों पर सवार जैश के आतंकियों ने अगवानी की थी.
खुफिया एजेंसियों को इस बात का पूरा शक है कि जैश, लश्कर और टीआरएफ ने पहलगाम का नरसंहार, पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर की शह पर किया है, क्योंकि 16 अप्रैल को ही पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने भारत, कश्मीर और हिंदुओं को लेकर एक उन्मादी भाषण दिया था.
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