
नारायण मूर्ति के पोते को ₹3.3 करोड़ डिविडेंड मिला:17 महीने के एकाग्र भारत के यंगेस्ट मिलेनियर; इनके प
भारत की टेक कंपनी इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति के 17 महीने के पोते एकाग्र रोहन मूर्ति को अपने 15 लाख शेयर्स पर ₹3.3 करोड़ का डिविडेंड मिला है। यह शेयर्स नारायण मूर्ति ने उन्हें 4 महीने की उम्र में गिफ्ट किए थे। इनकी वैल्यू करीब 214 करोड़ रुपए है। इस डिविडेंड के साथ एकाग्र भारत के यंगेस्ट मिलेनियर्स में से एक बन गए हैं। इस वित्त वर्ष में अभी तक एकाग्र को 10.65 करोड़ रुपए का डिविडेंड मिल चुका है। कंपनी ने इससे पहले 49 रुपए प्रति शेयर का अंतरिम डिविडेंड दिया था जिसमें एकाग्र को 7.35 करोड़ रुपये मिले थे। इंफोसिस ने 17 अप्रैल को वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही के नतीजे जारी किए हैं। कंपनी ने इस तिमाही के लिए शेयरहोल्डर्स को 22 रुपए प्रति शेयर डिविडेंड देने का ऐलान किया है। पिछले वित्त वर्ष में एकाग्र को ₹4.2 करोड़ का डिविडेंड मिला
एकाग्र को पिछले साल 18 अप्रैल को 4.2 करोड़ रुपए का डिविडेंड मिला था। इंफोसिस ने वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही के नतीजे जारी किए थे। कंपनी ने इस तिमाही के लिए शेयरहोल्डर्स को 28 रुपए प्रति शेयर डिविडेंड देने का ऐलान किया था। 6 महीने में 28% गिरा इंफोसिस का शेयर तिमाही नतीजों से पहले इंफोसिस का शेयर आज गुरुवार (17 अप्रैल) को 1.03% की तेजी के बाद 1,427.70 के स्तर पर बंद हुआ। पिछले एक महीने में कंपनी का शेयर 11.29% गिरा है। जबकि 6 महीने में ये 27.46% और इस साल यानी 1 जनवरी से अब तक 24.16% गिरा है। कंपनी का मार्केट कैप 5.88 लाख करोड़ रुपए है। 16 जनवरी से 17 अप्रैल के बीच कंपनी की मार्केट वैल्यू करीब 2.16 लाख करोड़ रुपए कम हुई है। क्या होता है डिविडेंड? कुछ कंपनियां अपने शेयरधारकों को समय-समय पर अपने मुनाफे का कुछ हिस्सा देती रहती हैं। मुनाफे का यह हिस्सा वे शेयरधारकों को डिविडेंड के रूप में देती हैं। इन कंपनियों के शेयर खरीदते हैं तो इसमें 2 तरह से फायदा होता है। एक तो फायदा यह होगा कि कंपनी होने वाले मुनाफे का कुछ हिस्सा आपको देगी। वहीं दूसरी ओर शेयर में तेजी आने से भी आपको मुनाफा होगा। नारायण मूर्ति ने रखा था पोते का नाम 10 नवंबर 2023 को नारायण मूर्ति के बेटे रोहन मूर्ति और बहू अपर्णा कृष्णन माता-पिता बने थे। नारायण मूर्ति ने उनके बेटे का नाम एकाग्र रखा। नारायण मूर्ति और सुधा मूर्ति की दो नातिन भी हैं, जिनका नाम कृष्णा सुनक और अनुष्का सुनक है। दोनों बच्चियां उनकी बेटी अक्षता मूर्ति और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की बेटियां हैं। 1981 में की थी इंफोसिस की स्थापना नारायण मूर्ति ने इंफोसिस की स्थापना 1981 में की थी। तब से लेकर 2002 तक कंपनी के CEO रहे थे। इसके बाद 2002 से 2006 तक बोर्ड के चेयरमैन रहे। अगस्त 2011 में चेयरमैन एमेरिटस की उपाधि के साथ मूर्ति कंपनी से रिटायर हो गए थे। हालांकि, एक बार फिर कंपनी में उनकी एंट्री 2013 में एग्जीक्यूटिव चेयरमैन के तौर पर हुई। इस दौरान उनके बेटे रोहन मूर्ति उनके एग्जिक्यूटिव असिस्टेंट के तौर पर काम कर रहे थे।